Sunhra Akhrot: पुराने समय की बात है। किसी गांव में एक लोहार और उसकी पत्नी रहते थे। उन्हें पैसे की कोई कमी नहीं थी। लेकिन उसे सिर्फ एक बात का दुख था, इनका कोई संतान नहीं था।
पुराने समय की बात है। किसी गांव में एक लोहार और उसकी पत्नी रहते थे। उन्हें पैसे की कोई कमी नहीं थी। लेकिन उसे सिर्फ एक बात का दुख था, इनका कोई संतान नहीं था।Sunhra Akhrot
Sunhra Akhrot ,सुनहरा अखरोट(परी कथा)
एक रात लोहार की पत्नी ने सपना देखा। उसे एक घने जंगल में एक पेड़ दिखाई दिया। जिसकी टहनी फल के दबाव से झुकी हुई थी। इस टहनी पर एक बड़ा सा सुनहरा अखरोट लटक रहा था। पुराने समय की बात है। किसी गांव में एक लोहार और उसकी पत्नी रहते थे। उन्हें पैसे की कोई कमी नहीं थी। लेकिन उसे सिर्फ एक बात का दुख था, इनका कोई संतान नहीं था।
जब वह यह सपना बराबर तीन रात तक देखती रही, तब उसने अपने पति से कहा, तुम जंगल में जाओ और मुझे वह सुनहरा अखरोट लाकर दो।
लोहार को इस बात का विश्वास तो नहीं आया, पर वह चल पड़ा। चलते-चलते आखिर वह एक घने जंगल के बीच में पहुंच गया। वहां उसे वहीं पेड़ नजर आया, जिसकी टहनी फल की दबाव से झुकी हुई थी और उस पर सुनहरा अखरोट लटक रहा था।
उसने जैसे ही अपने हाथ बढ़ाकर पेड़ की टहनी से अखरोट तोड़ा, पास में से एक गिलहरी गुस्से में आकर कहा- तुमने यह अखरोट तोड़ने का हिम्मत कैसे किया?
वह गिलहरी कोई साधारण गिलहरी नहीं थी, उसके बाल बर्फ की तरह सफेद थी और उसके गले में सुनहरे अखरोटों की एक माला थी।
जंगल की महारानी, आप मुझसे नाराज मत होना, लोहार ने विनम्रता से कहा।
मुझे मालूम नहीं था कि इसे तोड़ने की मनाही है। मैं इसे अपनी बीमार बीवी को दूंगा। Sunhra Akhrot
गिलहरी बोली- तुमने सच बात कह दी इसलिए मैं यह अखरोट तुम्हें उपहार में देता हूं। अपनी पत्नी से कहना कि वह इसका गूदा खाकर छिलका रख छोड़े।
तुम्हारे घर दो जुड़वा लड़के होंगे। जब उनकी उम्र 20 साल हो जाए तो उन्हें आधा-आधा छिलका दे देना।
वे दोनों जंगल में चले आए और जहां पेड़ पर हुदहुद की ठक -ठक सुने ,वहां यह छिलका धरती पर फेंक दें। तब उन दोनों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। Sunhra Akhrot
सफेद गिलहरी ने जैसा कहा था, वैसा ही हुआ। लोहार की पत्नी के घर जुड़वा बच्चे ने जन्म लिया। लेकिन दोनों रंग रूप में एक दूसरे से काफी अलग-अलग थे। एक लड़के की आंखें गहरी काली रंग की थी जबकि दूसरे की आंखें भूरी थी। धीरे-धीरे दोनों जवान हो गए। दोनों सुंदर और सुडौल थे। लेकिन काली आंखों वाला लड़का स्वभाव से क्रूर और निष्ठुर था,जबकि भूरी आंखों वाला दयालु और परोपकारी था।Sunhra Akhrot
जब यह 20 साल के हुए ,तो उसके पिता ने उन्हें अखरोट का आधा-आधा छिलका दिया। लड़के जंगल में गए, जैसे ही हुदहुद के ठक – ठक की आवाज कान में पड़ी उन्होंने भी छिलके धरती पर फेंक दिए और दूसरे ही क्षण अपने आप को एक कलकल करते पानी के किनारे खड़ा पाया।
सफेद गिलहरी उनके सामने एक टहनी पर बैठी थी। नीचे एक पेड़ के शाखा पर दो अखरोट पड़े थे। उनमें से एक सादा और खुरदुरा था और दूसरा खूब चमक रहा था।Sunhra Akhrot
गिलहरी बोली- अपनी पसंद का एक-एक उठा लो, पर उतावली मत बनो, क्योंकि इससे तुम्हारी किस्मत का फैसला होगा।
काली आंखों वाले लड़के से ना रहा गया। तुरंत झपट कर चमकता हुआ अखरोट उठा लिया। खुरदुरा अखरोट दूसरे भाई के हाथ लगा। Sunhra Akhrot
सफेद गिलहरी ने कहा, अब अपना अपना अखरोट तोड़ो। जो कुछ निकले, इस पर संतोष करो, क्योंकि इसमें किसी तीसरे का दखल नहीं है।
इतना कह कर, वह पूँछ लहराती हुई जंगल में गायब हो गई।
काली आंखों वाले भाई ने अपना अखरोट पहले तोड़ा। उसके सामने काले रंग का एककोतल घोड़ा खड़ा था। घोड़े की काठी से एक वर्दी बांधी थी। जिस पर सुनहरी फीता लगा हुआ था। इसके अलावा एक तलवार थी, जिसका दस्ता सोने का था।
अरे वाह ! इस तलवार के बल पर तो मैं दुनिया भर का धन इकट्ठा कर लूंगा। उसने खुशी में अपने आप कहा।
इसके बाद भूरी आंखों वाले लड़के में अपना अखरोट तोड़ा। उसके सामने बोझ ढोने वाला साधारण टट्टू खड़ा था। उसकी पीठ पर एक थैला था, जिसमें डेढ़ ,मन बीज थे । Sunhra Akhrot
दोनों भाई अपने-अपने घोड़े पर सवार होकर अलग-अलग दिशा में चल पड़े। Sunhra Akhrot
भूरी आंखों वाला एक दिन जंगल में और 2 दिन मैदान में भटकता रहा। तीसरे दिन शाम को वह एक गांव में पहुंचा और रात बिताने का कोई ठिकाना खोजने लगा।
जब वह एक झोपड़ी के सामने जाकर रुक तो एक किसान ने बाहर आकर उसका स्वागत किया और विनम्रता पूर्वक कहा, आप खुशी से हमारे पास ठहर सकते हैं। हमें खेद है कि हम आपकी अधिक सेवा नहीं कर पाएंगे। एक डाकू हमारे फसले लूट कर ले जाता है।
आप उसे पकड़ते क्यों नहीं? भूरि आंखों वाले लड़कों ने कहा।
किसान ने उत्तर दिया- हम उसे कैसे पकड़े ? वह आदमी थोड़े ही है? वह तो गर्म हवा है जो फैसले झुलसा देती है।
वह अपना बीज का थैला सिरहाने रखकर किसान के आंगन में लेट गया । तभी उसे महसूस हुआ की बीज हिल रहे हैं।
हमें बो दो , हमें बो दो । थैली में से आवाज आई। हम ऐसी घनी दीवार बना देंगे, जो गर्म हवा को खेतों में आने से रोक देगी।
अगले दिन लड़के ने किस से कहा, क्या मैं आपके साथ रह सकता हूं ? भगवान की इच्छा हो तो शायद हम दोनों गर्म हवा को रोकने में सफल हो जाएं ।
किसान यह सुनकर बहुत खुश हुआ और वे दोनों एक साथ रहने लगे। अब भूरी आंखों वाले नौजवान को वहां रहते साल दो साल नहीं बल्कि 20 साल बीत गए। यहां तक की उसके सिर के बाल सफेद हो गए।
उसने जो बीज बोए थे, वह जैतून के लंबे-लंबे घने पेड़ बन चुके थे। गर्म हवा उनसे टकराकर लौट जाती थी और खेतों में खूब गेहूं उपजता था।
वह हर साल बढ़िया से बढ़िया फसल काटते थे। गेहूं की पकी हुई बालियान देखकर भूरी आंखों वाला व्यक्ति उल्लास से खिल उठता और अपने भाई को याद करके सोचता- यही मेरा सोना है। जाने उसका क्या हाल होगा?
एक बार वह किसी दूसरे गांव में से गुजर रहा था। उसने देखा कि एक छोटा सा लड़का अखरोट के छिलके से खेल रहा था। चछिलका आधा सोने का और आधा लोहे का था। Sunhra Akhrot
तुम्हें यह छिलका कहां से मिला ? भूरी आंखों वाले ने लड़के से पूछा।
मेरे पिता लड़ाई के मैदान से इसे लाए थे। लड़के ने उत्तर दिया- किसी सेनापति ने हमारे देश पर हमला किया। घमासान लड़ाई हुई। सेनापति और उसके सिपाही मारे गए। जब लोग सेनापति को दफनाने को चले तो उसकी वर्दी में से यह खोल धरती पर गिर पड़ा था।
उस सेनापति का क्या नाम था? भूरी आंखों वाले ने पूछा।
यह मुझे मालूम नहीं। खुद पिताजी उसका नाम भूल गए थे। उन्होंने मुझे नहीं बताया। Sunhra Akhrot
लड़के ने आगे कहा- हमें उसका नाम जानने की जरूरत ही क्या है, जो शत्रु बनकर किसी का देश हड़पने चाहे, उसका नाम कौन याद रखेगा?
काली आंखों वाली सेनापति भाई का यह अंत हुआ। लेकिन युग बीत गया। इस भूरि आंखों वाले भाई को लोग आज भी याद करते हैं। उसका नाम बड़े आदर और प्यार से लेते हैं।
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Summary:
सफेद गिलहरी ने जैसा कहा था, वैसा ही हुआ। लोहार की पत्नी के घर जुड़वा बच्चे ने जन्म लिया। लेकिन दोनों रंग रूप में एक दूसरे से काफी अलग-अलग थे। एक लड़के की आंखें गहरी काली रंग की थी जबकि दूसरे की आंखें भूरी थी। धीरे-धीरे दोनों जवान हो गए। दोनों सुंदर और सुडौल थे। लेकिन काली आंखों वाला लड़का स्वभाव से क्रूर और निष्ठुर था,जबकि भूरी आंखों वाला दयालु और परोपकारी था।