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Kekda Rajkumar|केकड़ा राजकुमार

  Kekda Rajkumar:इटली देश में एक मछुआरा रहता था।  वह बहुत कम मछली पकड़ पाता था ।  जिससे उसकी कमाई बहुत कम होती थी।  वह अपने परिवार का पेट नहीं भर सकता था । इसलिए वह और उसका परिवार अक्सर भूखा ही रहता था। 

 एक दिन जब उसने मछली पकड़ते समय अपने जाल को पानी से बाहर निकाला  तो उसे अपना जाल इतना भारी लगा कि उसको उसे खींचना मुश्किल हो गया।  पर हिम्मत करके उसने अपने जाल को जोर से खींचा।  जब जाल  बाहर आया तो वह देखकर आश्चर्य करने लगा। 

 क्योंकि,जाल में एक बहुत बड़ा केकड़ा फंसा हुआ था।  वह इतना बड़ा केकड़ा मछली पकड़ते समय कभी नहीं देखा था। 

 उसने मन ही मन सोचा, आज इतना बड़ा शिकार हाथ लगा है, कि हम सब परिवार मिलकर खूब आनंद से खाना खाएंगे।  उसने  केकड़े  को जाल  समेत अपने कंधे पर रखकर घर की ओर चल दिया। 

 घर पहुंच कर उसने अपनी पत्नी को आग जलाकर उसके ऊपर एक पानी का बर्तन रखने को कहा, क्योंकि वह जल्दी ही बच्चों के लिए खाना लेकर लौटने वाला था और वह खुद उस केकड़ा को लेकर राजा के महल  की ओर चल दिया। Kekda Rajkumar

Kekda Rajkumar

Kekda Rajkumar|केकड़ा राजकुमार

 वह वहां जाकर राजा से बोला –  महाराज, मैं आपसे मिलने इसलिए आया हूं कि आप मुझे यह केकड़ा खरीद लीजिए।  मेरी पत्नी ने बर्तन आंच पर रख दिया है पर मेरे पास पैसे नहीं है , जिससे मैं अपने बच्चों के लिए खाना खरीद सकूं। 

 राजा बोला-  पर मैं इस केकड़े को करूंगा क्या?  “क्या तुम इस केकड़े को किसी और को नहीं बेच सकते”?

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 तभी राजा की बेटी वहां आ गई और उसे केकड़े को देखकर बोली-” अरे कितना अच्छा केकड़ा है।  पिताजी इसे आप मेरे लिए खरीद दीजिए ना !  हम इसको अपने मछली वाले तालाब में सुनहरी मछलियों के साथ रख देंगे। 

 राजा की बेटी को मछलियां बहुत अच्छी लगती थी।  वह उस तालाब के किनारे बैठकर घंटों तक उन मछलियों को देखती रहती थी जो उसमें तैरती रहती थी। 

 उसका पिता अपनी बेटी की किसी बात को ना नहीं कर पाता था, तो उसने उसके लिए वह केकड़ा खरीद दिया। 

  उस मछुआरे ने उस केकड़े को मछली के तालाब में डाल दिया। 

 राजा ने उसको सोने के सिक्कों से भरा एक फैला दे दिया।  अब मछुआरा अपने परिवार और बच्चों को कई महीनो तक खाना खिला सकता था।  केकड़ा वहीं छोड़कर वह मछुआरा वहां से चला गया। Kekda Rajkumar

 अब राजकुमारी सारा समय वही बैठकर उस मछली वाले तालाब के किनारे , उस केकड़े को देखती रहती। उस केकड़े को देखते देखते वह थकती नहीं थी। 

 इतनी ज्यादा देर तक वहां बैठे रहने से और उस केकड़े को बराबर देखते रहने से अब वह उसको और उसके तरीकों को बहुत अच्छी तरह से जान गई थी। 

 उसने देखा कि वह केकड़ा दिन के 12:00 से लेकर दिन के 3:00 तक गायब हो जाता था।  उसने कहा हे-भगवान यह केकड़ा भला कहां चला जाता है ?

 एक दिन राजा की बेटी वहां उस केकड़े को देखने के लिए बैठी हुई थी, कि उसने दरवाजे पर किसी के खटखटाने  की आवाज सुनी।Kekda Rajkumar

 उसने अपने छज्जे से नीचे देखा तो एक खानाबदोश वहां भीख मांगने के लिए खड़ा हुआ था।  राजा की बेटी ने पैसों का एक थैला उसकी तरफ फेंक दिया पर वह ले ना सका, जिससे वह थैला पास वाले एक गड्ढे में जाकर गिर पड़ा। 

 वह खानाबदोश उस थैली के पीछे-पीछे उसे गड्ढे तक गया।  गड्ढे में पानी भरा था।  उसने उस गड्ढे में छलांग  लगाकर कूद गया और तैरना शुरू कर दिया। Kekda Rajkumar

 वह गड्ढा जमीन के नीचे एक नहर से राजा के मछली वाले तालाब से जुड़ा हुआ था और वह नहर  भी न जाने कहां तक जाता था। 

 वह आदमी उस मछली वाले तालाब तक पहुंचकर उस नहर में निकल गया और एक बहुत बड़े जमीन के नीचे बने कमरे के बीच में बने एक बहुत छोटे से बेसिन में निकल  आया। 

 उस कमरे में बहुत बढ़िया पर्दे लटक रहे थे और एक बहुत ही सुंदर मेज लगी हुई थी।  वह आदमी उस बेसिन में से बाहर निकला और एक परदे के पीछे छुप गया। 

 जब दोपहर के 12:00 बजे तो उस बेसिन में से एक परी बाहर निकली,जो एक केकड़े के ऊपर बैठी हुई थी, उसने और केकड़ा दोनों ने मिलकर बेसिन का पानी बाहर कमरे में उझल दिया। 

 फिर परी ने अपनी जादू की छड़ी से केकड़े को छुआ तो केकड़े  के खोल से एक बहुत सुंदर नौजवान निकल आया।  वह नौजवान मेज के पास रखी एक कुर्सी पर बैठ गया।Kekda Rajkumar 

 परी ने फिर अपनी जादू की छड़ी मेज पर मारी तो वहां स्वादिष्ट खाना आ गया और बोतलों में शराब आ गई। 

 जब नौजवान ने अपना खाना-पीना खत्म कर लिया तो वह फिर अपने केकड़े वाले खोल में घुस गया। 

 परी ने केकड़े के उस खोल को फिर से छुआ, तो वह केकड़ा उसे परी को लेकर फिर से बेसिन में कूद गया और उसको लेकर पानी में गायब हो गया। Kekda Rajkumar

 अब वह आदमी परदे के पीछे से निकल आया और बेसिन के पानी में कूद कर फिर से राजा के मछली वाले तालाब में आ गया। 

  राजा की बेटी अभी भी वहीं बैठकर अपनी मछलियों को तैरता देख रही थी।  उस आदमी को उस तालाब में से निकलते देखकर उसने उससे पूछा-  अरे, तुम यहां क्या कर रहे हो ?Kekda Rajkumar

 वह आदमी बोला-  राजकुमारी जी मैं आपको एक बहुत ही आश्चर्यजनक बात बताना चाहता हूं।  फिर वह उस तालाब में से बाहर निकल आया और उसको वह सब कुछ बताया जो वह अभी-अभी देख कर आ रहा था। 

 राजकुमारी बोली-  अच्छा, तो यह बात है, अब मेरी समझ में आया कि यह केकड़ा 12:00 बजे से 3:00 के बीच में कहां जाता है।  ठीक है कल दोपहर को हम दोनों एक साथ वहां जाएंगे और देखेंगे। Kekda Rajkumar

 अगले दिन वह दोनों उस तालाब के पानी में तैरकर उस जमीन के नीचे बनी नहर में पार कर उस कमरे में बने बेसिन में आ  निकले।  बेसिन में से निकलकर वे एक परदे के पीछे छुप गए। 

 दोपहर के ठीक 12:00 बजे उस बेसिन में से वह परी एक केकड़े के ऊपर बैठकर बाहर निकली। 

Kekda Rajkumar

 उसने अपनी जादू की छड़ी उस केकड़े के खोल को छुआ तो उसमें से एक सुंदर नौजवान बाहर निकल आया और मेज के पास पड़ी एक कुर्सी पर बैठ गया। 

 राजकुमारी को वह केकड़ा तो पहले से ही अच्छा लगता था, पर जब वह उसमें से निकले सुंदर नौजवान को देखी ,  तो वह उसके प्रेम में पड़ गई। Kekda Rajkumar

 अपने पास ही पड़ा  केकड़ा का खाली खोल देखकर वह उस खोल के अंदर छुप गई।  वापस आया तो वहां एक सुंदर लड़की को पाकर उसने उसे धीमी आवाज में पूछा-  यह तुमने क्या किया, अगर कहीं परी ने देख लिया तो वह हम दोनों को मार देगी। 

 राजा की बेटी ने भी धीमी आवाज में जवाब दिया –   पर मैं तुमको इस जादू से छुड़ाना चाहती हूं।  बस मुझे यह बता दो कि इसके लिए मुझे क्या करना है। 

 नौजवान बोला-  यह नामुमकिन है।  मुझे इस जादू से वही लड़की बचा सकती है जो मुझे इतना प्यार करती हो जो मेरे साथ मरने करने के लिए तैयार हो। 

 राजा की बेटी बेहिचक बोली-  मैं वह लड़की हूं।  मैं तुमसे प्यार करती हूं और तुम्हारे लिए मरने के लिए तैयार हूं। 

 जब उस केकड़े के खोल के अंदर उन दोनों में यह सब बातें चल रही थी तब वह परी उसे केकड़े की खोल पर बैठी और उस नौजवान ने रोज की तरह केकड़े के पंजे बनाए और उस परी को लेकर वहां से जमीन के अंदर वाली नहर से होकर खुले समुद्र में ले गया। Kekda Rajkumar

 उस परी को जरा सा भी शक नहीं हुआ कि, उस खोल के अंदर राजा की बेटी भी छिपी हुई थी। 

 जब वह परी को उसकी जगह छोड़कर वापस उस मछलियों वाली तालाब में आ रहा था, तो उस नौजवान ने उसे जो एक राजकुमार था, राजा की बेटी को बताया कि वह इस जादू से कैसे आजाद हो सकता था। 

 उसने कहा-  तुमको समुद्र के किनारे वाली एक चट्टान पर चढ़ना पड़ेगा और वहां जाकर कुछ बजाना और गाना पड़ेगा।  परी को संगीत बहुत अच्छा लगता है तो जैसे ही वह तुम्हारा गाना सुनेगी, वह गाना सुनने के लिए पानी में से बाहर निकल आएगी। 

 वह तुमसे कहेगी –  और गाओ ,  और सुंदर लड़की और गाओ।  तुम्हारा संगीत तो दिल खुश कर देने वाला है। 

 तब तुम जवाब देना-  मैं जरूर गाउंगी अगर तुम अपने बालों में लगा फुल मुझको दे दो। 

 जैसे ही तुम अपने हाथ में वह फूल ले लोगी मैं उसके जादू से आजाद हो जाऊंगा क्योंकि वह फूल ही मेरी जिंदगी है। 

 इस बीच में वह केकड़ा मछलियों वाले तालाब में पहुंच चुका था और उसने राजा की बेटी को उसे खोल में से बाहर निकाल दिया। 

 वह खानाबदोश अपने आप ही उस नहर में से तैर कर बाहर आ गया था।  नहर में से निकलकर जब उसको राजा की बेटी कहीं दिखाई नहीं दी तो  उसको लगा कि वह तो बड़ी मुश्किल में पड़ गया है।  अब वह राजा की बेटी को कहां ढूंढे?

 फिर उसने देखा कि जल्दी ही वह लड़की मछलियों वाली तालाबों में से निकल आई।  उसने उस खानाबदोश को धन्यवाद दिया और उसको बहुत सारा इनाम भी दिया। Kekda Rajkumar

 उसके बाद वह अपने पिता के पास गई और उसने कहा कि वह संगीत सीखना चाहती थी।  अब वह क्योंकि राजा उसको किसी भी चीज के लिए मना नहीं कर सकता था, तो उसने अपने राज्य के सबसे अच्छे संगीतज्ञ और गवाईयों को बुलाया और उनको अपनी बेटी को संगीत सीखने के लिए रख लिया। 

 जब उसने संगीत सीख लिया तो उसने अपने पिता से कहा –  पिताजी, अब मैं समुद्र के किनारे वाली चट्टान पर बैठकर वायलिन बजाना चाहती हूं। 

 क्या?  समुद्र के किनारे चट्टान पर बैठकर वायलिन बजाना चाहती हो?  क्या तुम्हारा होश और ठिकाना गायब हो गया है? पर फिर हमेशा की तरह से उसको वहां जाने की इजाजत भी दे दिया। Kekda Rajkumar

 पर उसने उसकी सफेद पोशाक पहने 8 दासियो को भी साथ भेज दिया।  और साथ ही कुछ हथियारबंद सिपाही भी भेज दिए। 

 राजा की बेटी ने चट्टान पर बैठकर अपनी आठ दासियों  के साथ अपनी वायलिन बजाना शुरू कर दी। 

 संगीत सुनकर वह परी लहरों में से बाहर निकाल कर आई और  उस राजा की बेटी से बोली-  तुम कितना अच्छा बजाती हो, ओ  लड़की ! बजाओ, बजाओ।  तुम्हारा यह संगीत सुनकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। 

 राजा की बेटी बोली-  हां-हां मैं और बजाऊंगी।  अगर तुम अपने बालों में लगा यह फूल मुझे दे दो क्योंकि मुझे तुम्हारे बालों में लगा यह फूल बहुत पसंद है। Kekda Rajkumar

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 परी बोली-  यह फूल तो मैं तुम्हें दे दूंगी अगर तुम इसको वहां से ले सको जहां मैं इसको फेकू। 

 उसने परी को विश्वास दिलाया-  मैं उसको वहां से जरूर उठा लूंगी जहां भी तुम इसको फेंकोगी। 

 परी बोली- “ यह लो”।  और यह कहकर उसने वह फूल समुद्र में जितनी दूर हो सकता था फेंक दिया। 

 राजा की बेटी तुरंत समुद्र में कूद गई और उस फूल को लेने के लिए उसकी तरफ लहरों पर तैरने लगी। 

 उसकी आठ दासियां जो अभी भी चट्टान पर खड़ी थी जोर-जोर से चिल्लाई-  राजकुमारी को बचाओ, राजकुमारी को बचाओ।  उनके चेहरे के ऊपर पड़े सफेद पर्दे अभी भी हवा में हिल रहे थे।Kekda Rajkumar 

 पर राजा की बेटी तैरती रही, तैरती रही।  कभी वह लहरों में छिप जाती तो कभी उनके ऊपर आ जाती। 

 कुछ देर बाद उसको कुछ शक  होने लगा था,  उसे लग रहा था कि वह फूलों तक पहुंच पाएगी या नहीं। 

 इतना सोचकर वह तैरती जा रही थी, तभी एक बड़ी सी लहर आई और वह उसे फूल को उसके हाथ में थम्हा गई। 

उसी  समय उसने अपने नीचे से एक आवाज सुनी-  तुमने मेरी जिंदगी मुझे वापस दी है,इसलिए मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं। 

 अब तुम डरो नहीं मैं तुम्हारे नीचे ही हूं।  मैं तुमको किनारे तक पहुंचा दूंगा।  पर तुम यह बात किसी को बताना नहीं, अपने पिता को भी नहीं। Kekda Rajkumar

 अब मैं अपने माता-पिता के पास जाता हूं और जाकर उनको यह सब बताता हूं और फिर एक दिन के बाद आकर मैं तुम्हारे माता-पिता से तुम्हारा हाथ मांगता हूं। 

 जब वह अपने घर पहुंच गई, तो उसने राजा से केवल इतना ही कहा कि वह वायलिन बजाकर उसको बहुत ही अच्छा लगा। 

 अगले दिन तीसरे पहर, 3:00 बजे , ढोल  और बाजे  बजने की और घोड़े की टापों  की आवाज के साथ एक मेजर महल में दाखिल हुआ और बोला कि वह राजा से मिलना चाहता है। 

  उसको राजा से मिलने की इजाजत दे दी गई और फिर राजकुमार ने राजा से उसकी बेटी का हाथ मांगा।  राजकुमार ने राजा को अपनी सारी कहानी भी सुनाई । Kekda Rajkumar

 राजा उसकी कहानी सुनकर सकते में आ गया क्योंकि अभी तक तो उसको इन सब बातों का कुछ भी पता नहीं था। 

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 उसने अपनी बेटी को बुलाया तो वह भागती हुई चली आई और आकर यह कहते हुए राजकुमार की बाहों में गिर गई-  यही मेरा दूल्हा है पिताजी, यही मेरा दूल्हा है। 

 राजा ने समझ लिया कि अब वह कुछ भी नहीं कर सकता था,सिवा इसके कि वह अपनी बेटी की शादी उस राजकुमार के साथ कर दे। 

 राजा ने उन दोनों की शादी कर दी। 

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इटली देश में एक मछुआरा रहता था।  वह बहुत कम मछली पकड़ पाता था ।  जिससे उसकी कमाई बहुत कम होती थी।  वह अपने परिवार का पेट नहीं भर सकता था । इसलिए वह और उसका परिवार अक्सर भूखा ही रहता था। 

 एक दिन जब उसने मछली पकड़ते समय अपने जाल को पानी से बाहर निकाला  तो उसे अपना जाल इतना भारी लगा कि उसको उसे खींचना मुश्किल हो गया।  पर हिम्मत करके उसने अपने जाल को जोर से खींचा।  जब जाल  बाहर आया तो वह देखकर आश्चर्य करने लगा। 

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