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Jaise ko taisa:Panchtantra,जैसे को तैसा, पंचतंत्र की कहानी|

 Jaise ko taisa,Panchtantra: एक बार की बात है।  एक स्थान पर चंद्र साहू नाम का बनिए का लड़का रहता था।  धन  कमाने के लिए उसने प्रदेश जाने का विचार किया।  उसके घर में कोई ज्यादा धन दौलत नहीं था, लेकिन उसके घर में एक बहुत बड़ा तराजू था।  यह तराजू लोहे से बनी हुई थी जो बहुत भारी था।  वह उस तराजू को एक महाजन के यहां रखकर वह धन कमाने के लिए विदेश चला गया। 

Panchtantra|Jaise ko taisa|

Jaise ko taisa,Panchtantra:

 कुछ महीने बाद वह धन कमाकर जब वापस आया तो उसने महाजन से जाकर अपनी तराजू वापस मांगी। 

 महाजन ने कहा- वह लोहे का तराजू जो तुमने मुझे रखने के लिए दिया था, उसे चूहा खा गया है।  चंद्र साहू आश्चर्य करने लगा, कुछ देर सोचने के बाद उसने कहा-  चिंता की कोई बात नहीं, अगर तराजू चूहे ने खाई है तो इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं है।  तुम इसकी चिंता मत करो। 

 थोड़ी देर के बाद उसने महाजन से कहा-  मित्र !  मैं नदी पर स्नान करने के लिए जा रहा हूं।  तुम अपने पुत्र धनदेव को मेरे साथ भेज दो, वह भी वहां स्नान कर लेगा। 

 महाजन ने बनिए की बात सुनकर बहुत प्रभावित हुआ।  उसे लगा कि यह बनिया बहुत सज्जन आदमी है।  उसने तत्काल अपने पुत्र को उसके साथ नदी स्नान के लिए जाने दिया। Jaise ko taisa|Panchtantra:

 बनिए ने महाजन के पुत्र को वहां से कुछ दूर ले जाकर एक गुफा में बंद कर दिया।  गुफा के द्वार पर बड़ी सी पत्थर का टुकड़ा रखवा दिया,  जिससे वह भाग कर ना जा पाए। 

 चंद्र साहू ने उसे वहां बंद करके जब वह महाजन के घर आया तो महाजन ने पूछा-  मेरा लड़का भी तेरे साथ स्नान करने के लिए गया था,  वह कहां है?

 बनिए ने कहा–  उसे चील  उठाकर ले गई है। 

 यह सुनकर महाजन ने कहा-  यह कैसे हो सकता है?  क्या कभी कोई चील भी इतने बड़े बच्चों को उठाकर ले जा सकता है?

 तब बनिया ने जवाब दिया-  भले आदमी !  यदि चील बच्चे को उठाकर नहीं ले जा सकती , तो चूहा भी मन भर भारी तराजू को नहीं खा सकते ,  तुझे बच्चा चाहिए तो तराजू निकाल कर दे दे। 

 इसी तरह विवाद करते हुए दोनों राजमहल में पहुंचे।  वहां न्याय अधिकारी के सामने महाजन ने अपनी दुख कथा सुनाते हुए कहा कि,  इस बनिए ने मेरा लड़का चुरा लिया है। 

 न्याय अधिकारी ने बनिए से कहा-  इसका लड़का इसे वापस दे दो। 

 बनिया बोला-  महाराज !  उसे तो चील  उठा ले गई है। Jaise ko taisa|Panchtantra:

 न्याय अधिकारी ने कहा –  क्या कभी चील भी बच्चे को उठा ले जा सकती है ?

 तब चंद्र साहू ने जवाब दिया –  हे प्रभु !  यदि लोहे से बनी हुई भारी तराजू को चूहे खा सकते है, तो चील भी बच्चे को उठाकर ले जा सकती है। 

 चंद्र साहू के जवाब सुनकर  धर्म अधिकारी सब कुछ समझ गए। 

 उन्होंने महाजन से कहा–  तुम इसका तराजू वापस करो और तब यह तुम्हारा बच्चा वापस कर देगा। 

 इस प्रकार से महाजन ने चंद्र साहू की तराजू वापस कर दिया, और बदले में चंद्र साहू ने गुफा से निकालकर उसके बेटे को मुक्त कर दिया। 

 इस कहानी से क्या सीख मिली ?  जैसे को तैसा 

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एक बार की बात है।  एक स्थान पर चंद्र साहू नाम का बनिए का लड़का रहता था।  धन  कमाने के लिए उसने प्रदेश जाने का विचार किया।  उसके घर में कोई ज्यादा धन दौलत नहीं था, लेकिन उसके घर में एक बहुत बड़ा तराजू था।  यह तराजू लोहे से बनी हुई थी जो बहुत भारी था।  वह उसे तराजू को एक महाजन के यहां रखकर वह धन कमाने के लिए विदेश चला गया। 

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