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 आखिरी इश्क कैसा होता है ?,Aakhri ishk कैसा होता है ?

आखिरी इश्क,Aakhri ishk:

लेखक: Avinash Kumar

फॉर्मेट: फीचर फिल्म स्क्रिप्ट


SCENE 1: INT. कॉलेज ऑडिटोरियम – दिन

(कॉलेज का वार्षिक फेस्ट चल रहा है। मंच पर नृत्य और संगीत का प्रदर्शन। दर्शकों में हलचल। कैमरा अंजलि (20, जीवंत, आत्मविश्वास से भरी) पर फोकस करता है, जो तालियां बजा रही है। पास में रिया (20, शांत, गहरी आंखों वाली) चुपचाप बैठी है।)

नैरेटर (वॉयस ओवर):
(गहरी, भावुक आवाज में)
“कॉलेज की चमकती दुनिया, जहां सपने और प्यार जन्म लेते हैं। लेकिन हर चमक के पीछे, कुछ छाया भी होती है। ये कहानी है अंजलि, रिया और विक्रम की… जिनका प्यार एक Tragidy बन गया।”

(मंच पर विक्रम (21, आकर्षक, हंसमुख) गिटार बजाते हुए गाना गा रहा है। उसकी आवाज में जादू है। अंजलि उत्साह से तालियां बजाती है। रिया चुपके से विक्रम को देख रही है।)

अंजलि:
(रिया से, उत्साहित)
देख रिया, विक्रम कितना कमाल गाता है! इसे तो बॉलीवुड में होना चाहिए!

रिया:
(हल्की मुस्कान के साथ)
हां… उसकी आवाज में कुछ खास है।

CUT TO:

SCENE 2: EXT. कॉलेज कैंटीन – दिन

(कैंटीन में छात्रों की भीड़। अंजलि और रिया एक टेबल पर चाय पी रही हैं। विक्रम अपनी ट्रे लेकर आता है।)

विक्रम:
(मुस्कुराते हुए)
अरे, दो खूबसूरत लड़कियों के साथ बैठने की इजाजत मिलेगी?

अंजलि:
(हंसते हुए)
विक्रम, तुम्हारी ये चिकनी बातें! बैठो ना, जगह बहुत है।

रिया:
(शर्माते हुए)
हां, बैठ जाओ।

(विक्रम बैठता है। तीनों बातें शुरू करते हैं। रिया की नजरें बार-बार विक्रम पर ठहरती हैं।)

विक्रम:
(रिया से)
रिया, तुम तो बस चुप रहती हो। कुछ तो बताओ अपने बारे में।

रिया:
(संकोच के साथ)
मुझे… मुझे किताबें पढ़ना पसंद है। और तुम्हें?

विक्रम:
(उत्साह से)
म्यूजिक, गिटार, और अच्छे दोस्त! जैसे तुम दोनों।

(अंजलि हंसती है। रिया की मुस्कान गहरी हो जाती है।)

नैरेटर (वॉयस ओवर):
“तीन दोस्त, तीन अलग-अलग दुनिया। लेकिन इनके दिल एक-दूसरे से जुड़ने लगे थे।”

FADE TO:

SCENE 3: INT. कॉलेज लाइब्रेरी – रात

(लाइब्रेरी में सन्नाटा। रिया और विक्रम एक टेबल पर किताबें लिए बैठे हैं। अंजलि अभी नहीं आई।)

विक्रम:
(रिया से)
तुम इतनी शांत क्यों रहती हो, रिया? तुम्हारी आंखों में तो हजार कहानियां दिखती हैं।

रिया:
(हल्की मुस्कान के साथ)
कहानियां तो हैं, पर सबको सुनाने की आदत नहीं। तुम बताओ, तुम्हें अंजलि में क्या अच्छा लगता है?

विक्रम:
(सोचते हुए)
वो… वो जिंदगी से भरी है। हमेशा हंसती है। लेकिन तुम… तुममें एक गहराई है, रिया।

(रिया की आंखें चमक उठती हैं। तभी अंजलि आती है।)

अंजलि:
(उत्साह से)
सॉरी, लेट हो गई! ट्रैफिक ने मार डाला। चलो, अब पढ़ाई शुरू!

(कैमरा रिया के चेहरे पर ठहरता है, जो अब थोड़ा उदास है।)

नैरेटर (वॉयस ओवर):
“रिया का दिल विक्रम के लिए धड़कने लगा था। लेकिन उसे नहीं पता था कि अंजलि भी उसी राह पर थी।”

CUT TO:

SCENE 4: EXT. कॉलेज गार्डन – शाम

(विक्रम और अंजलि एक पेड़ के नीचे बैठे हैं। अंजलि विक्रम के करीब आती है।)

अंजलि:
(गंभीर होकर)
विक्रम, तुमने कभी सोचा है कि प्यार क्या होता है?

विक्रम:
(हंसते हुए)
प्यार? अरे, अभी तो जिंदगी जीने का टाइम है! लेकिन… अगर कोई खास हो, तो शायद।

अंजलि:
(आंखों में आंखें डालकर)
और अगर मैं कहूं कि तुम मेरे लिए खास हो?

(विक्रम हैरान। वो कुछ कहने वाला होता है कि रिया दूर से ये सब देख लेती है। उसकी आंखें नम हो जाती हैं।)

रिया:
(खुद से, फुसफुसाते हुए)
विक्रम… तुमने मुझे क्यों नहीं देखा?

नैरेटर (वॉयस ओवर):
“प्यार का त्रिकोण अब बन चुका था। लेकिन इस त्रिकोण में जलन और दर्द भी शामिल होने वाला था।”

FADE TO:

SCENE 5: INT. रिया का हॉस्टल रूम – रात

(रिया अकेली अपने बिस्तर पर बैठी है। उसकी आंखें लाल हैं। सामने टेबल पर एक डायरी खुली है, जिसमें विक्रम का नाम बार-बार लिखा है।)

रिया:
(खुद से, रोते हुए)
मैंने तुम्हें इतना प्यार किया, विक्रम। फिर तुमने अंजलि को क्यों चुना?

(वो डायरी बंद करती है और पास रखे चाकू को टकटकी से देखती है।)

नैरेटर (वॉयस ओवर):
“रिया का प्यार अब जुनून बन चुका था। और जुनून, अक्सर खतरनाक होता है।”

CUT TO:

SCENE 6: EXT. कॉलेज के पास झील – दिन

(विक्रम और अंजलि झील किनारे टहल रहे हैं। दोनों हंस रहे हैं। रिया दूर से उन्हें देख रही है।)

अंजलि:
(विक्रम से)
तुम्हें याद है, विक्रम, हमारी पहली मुलाकात? तुमने मेरी कॉफी गिरा दी थी!

विक्रम:
(हंसते हुए)
हां, और तुमने मुझे आधा घंटा डांटा था! लेकिन वो दिन… खास था।

(रिया का चेहरा सख्त हो जाता है। वो मुट्ठी भींच लेती है।)

नैरेटर (वॉयस ओवर):
“रिया की जलन अब हद पार कर रही थी। उसका प्यार, अब नफरत में बदलने लगा था।”

FADE TO:

SCENE 7: INT. कॉलेज कैंटीन – दिन

(रिया और अंजलि अकेले बैठी हैं। माहौल तनावपूर्ण है।)

अंजलि:
(चिंतित)
रिया, तुम ठीक तो हो? तुम आजकल बहुत चुप रहती हो।

रिया:
(ठंडी आवाज में)
मैं ठीक हूं, अंजलि। बस… कुछ चीजें बदल गई हैं।

अंजलि:
(हैरान)
क्या मतलब? तुम मुझसे कुछ छुपा रही हो?

रिया:
(आंखों में गुस्सा)
छुपाना तो तुमने शुरू किया, अंजलि। विक्रम के साथ वो सब… तुम्हें क्या लगता है, मैं अंधी हूं?

(अंजलि स्तब्ध। वो कुछ कहने की कोशिश करती है, लेकिन रिया उठकर चली जाती है।)

नैरेटर (वॉयस ओवर):
“दोस्ती अब दुश्मनी की राह पर थी। और इस राह का अंत, खौफनाक होने वाला था।”

CUT TO:

SCENE 8: EXT. कॉलेज के पास जंगल – रात

(विक्रम, अंजलि और रिया एक साथ जंगल में हैं। रिया ने दोनों को एक जरूरी बात के लिए बुलाया है। माहौल भारी है।)

विक्रम:
(गुस्से से)
रिया, ये क्या पागलपन है? हमें इस वक्त यहां क्यों बुलाया?

रिया:
(आंसुओं के साथ)
क्योंकि मैं तुम्हें खो नहीं सकती, विक्रम। मैंने तुम्हें हर पल चाहा… लेकिन तुमने मुझे ठुकरा दिया।

अंजलि:
(घबराते हुए)
रिया, प्लीज, शांत हो जाओ। हम बात कर सकते हैं!

(रिया जेब से चाकू निकालती है। विक्रम उसे रोकने की कोशिश करता है।)

विक्रम:
(चीखते हुए)
रिया, रुक जाओ! ये क्या कर रही हो?!

(संघर्ष में रिया चाकू विक्रम के सीने में घोंप देती है। विक्रम जमीन पर गिरता है। अंजलि चीखती है।)

अंजलि:
(रोते हुए)
रिया, तूने ये क्या किया?!

(रिया चाकू फेंक देती है और घुटनों पर बैठकर रोने लगती है।)

नैरेटर (वॉयस ओवर):
“प्यार, जो कभी उनकी जिंदगी की रोशनी था, अब खून से सना हुआ था।”

FADE TO:

SCENE 9: INT. पुलिस स्टेशन – दिन

(रिया हथकड़ी में है। उसका चेहरा भावहीन है। अंजलि बाहर खड़ी है, उसकी आंखें सूजी हुई हैं।)

अंजलि:
(खुद से, फुसफुसाते हुए)
रिया, तुमने सब कुछ बर्बाद कर दिया… विक्रम को, हमारी दोस्ती को।

(पुलिस रिया को ले जाती है। अंजलि बाहर की ओर देखती है, जहां बारिश शुरू हो रही है।)

नैरेटर (वॉयस ओवर):
“रिया को सजा मिली। अंजलि अकेली रह गई। और विक्रम? वो सिर्फ एक दर्दनाक याद बनकर रह गया।”

CUT TO:

SCENE 10: EXT. कॉलेज गार्डन – दिन

(कॉलेज गार्डन अब सूना है। अंजलि अकेली उसी पेड़ के नीचे बैठी है, जहां वो और विक्रम हंसा करते थे। उसके हाथ में विक्रम की एक तस्वीर है।)

अंजलि:
(रोते हुए)
विक्रम, तुमने वादा किया था कि हमेशा साथ रहेंगे। फिर ये सब क्यों हुआ?

(कैमरा ऊपर की ओर जाता है, जहां आसमान में बादल छाए हैं।)

नैरेटर (वॉयस ओवर):
“प्यार की इस कहानी का अंत त्रासदी में हुआ। लेकिन कुछ कहानियां, खत्म होने के बाद भी दिल में जिंदा रहती हैं।”

FADE OUT.

स्क्रीन पर टेक्स्ट:
“इश्क की कीमत कभी-कभी जिंदगी होती है।”

THE END


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